Salaar Part 1 Movie Review : ‘ गेम ऑफ थ्रोन्स ’ को प्रशांत नील का हिंदुस्तानी जवाब, फिर जाग उठा बाहुबली का जादू
इस साल दो मेगा ब्लॉकबस्टर फिल्में दे चुके शाहरुख खान की बीते दिन रिलीज हुई फिल्म ‘डंकी’ से दिल हारे हिंदी सिनेमा के प्रशंसकों के लिए प्रशांत नील और प्रभास की जोड़ी नया सहारा बनकर आई है। इन दोनों की फिल्म ‘सलार पार्ट वन सीज फायर’ उस नए दौर के सिनेमा का अगला अध्याय है जिसमें नायक एंग्री यंगमैन होने के साथ साथ बहुत ही क्रूर, निर्दयी और खतरनाक भी है। और, इसका ये रूप दिखाने से पहले कहानी जाती है, देवी पूजा करने वाली देश की उन बच्चियों तक, जिनके साथ बलात्कार की घटनाएं तकरीबन रोज ही अखबारों और न्यूज चैनलों की सुर्खियां बनती हैं। हवस की पतंगें उड़ाते ये शैतान रोज एक बच्ची को ले जाते हैं। बच्चियां पूजा कर करके थक जाती हैं। काली मां आती नहीं हैं। और, फिर! फिर आता है एक सलार जो लिखित कानूनों को नहीं मानता है। वह इन आततायियों की बलि चढ़ाता है और बन जाता है एक ऐसा नायक जिसके लिए भाषा, प्रांत और परंपराओं की सीमाएं टूट जाती हैं। फिल्म ‘सलार पार्ट वन सीज फायर’ का ये संदर्भ प्रभास को के अभिनय को उस उत्कर्ष पर ले जाता है, जहां इससे पहले वह सिर्फ ‘बाहुबली’ में पहुंचे थे। एक मां और मामा यहां भी हैं। एक काल्पनिक राजकुमारी भी यहां है। लेकिन, इस बार कहानी में एक दोस्त भी है, जिस पर हाथ डालने वाले का, सलार वेदा हाथ ही नहीं काटता। वह काटता है, उसका गला।
Aspect | Details |
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कलाकार | प्रभास, पृथ्वीराज सुकुमारन, श्रुति हसन, जगपति बाबू, ईश्वरी राव, श्रिया रेड्डी, रामचंद्रन राजू, ब्रह्मा आदि |
लेखक | प्रशांत नील, संदीप रेड्डी बांदला, हनुमान चौधरी, डॉ. सूरी |
निर्देशक | प्रशांत नील |
निर्माता | विजय किरगंदूर |
रिलीज | 22 दिसंबर 2023 |
रेटिंग | 3.5/5 |
●रक्तरंजित कथाओं का नया अध्याय
●लौट आया बड़े परदे का ‘बाहुबली’
‘बाहुबली’ सीरीज की दोनों फिल्मों के बाद से प्रभास के सितारे गर्दिश में ही रहे हैं। उनकी तीन फिल्में ‘साहो’, ‘राधेश्याम’ और ‘आदिपुरुष’ इसके बाद कतार से फ्लॉप रहीं। फिल्म ‘सलार पार्ट वन सीज फायर’ उनका बॉक्स ऑफिस पर पुनर्जीवन है। रिलीज से पहले ही करीब 50 करोड रुपये सिर्फ एडवांस बुकिंग में कमा लेने वाली फिल्म ये भी इशारा करती है कि प्रभास के तिलिस्म में अगर किसी काबिल निर्देशक का जादू मिल जाए तो वह अब भी एक बड़े दर्शक वर्ग के दुलारे अभिनेता बने हुए हैं। जो काम निर्देशक ओम राउत फिल्म ‘आदिपुरुष’ में न कर पाए, वह काम निर्देशक प्रशांत नील ने उनके लिए फिल्म ‘सलार पार्ट वन सीज फायर’ में किया है। दो दोस्तों की कहानी को अपनी कहानी का बीज बनाते हुए प्रशांत ने एक इतना विशाल बरगद तैयार किया है कि इसकी क्षेपक कथाओं की शाखाएं गिनते गिनते फिल्म की हीरोइन भी हांफ जाती है और रुककर दो घूंट लेना चाहती है। प्रभास की बड़े परदे पर आमद के समय बजने वाली सीटियां उनकी लोकप्रियता का असली प्रमाण हैं और प्रभास ने भी एक शांतचित्त लेकिन खूंखार किरदार को निभाया भी बहुत सलीके से हैं। लेकिन, फिल्म ‘सलार पार्ट वन सीज फायर’ अकेले प्रभास की फिल्म नहीं है।
●पृथ्वीराज, जगपति और श्रिया का परचम
फिल्म के मुख्य किरदार वेदा के बचपन के दोस्त वर्धा की इस मूल कहानी में पृथ्वीराज सुकुमारन ने बड़े वर्धा का किरदार निभाया है। वह खानसार के राजा की दूसरी पत्नी की संतान है। वेदा की मां की लाज बचाने के लिए दी गई कुर्बानी के चलते वह दर बदर होता है लेकिन बुढ़ापे में राजा को इस राजकुमार की याद आ ही जाती है। और, राजा के इस एक फैसले से पूरे खानसार के सिपहसालार और सरदार बौखला जाते हैं। सलार का शाब्दिक अर्थ भी सरदार ही है। वर्धा की जान मुश्किल में होती है तो उसे बचाने उसका बचपन का सलार देवा फिर लौटता है। प्रभास ने यदि एक बेटे के तौर पर कई दृश्यों में बढ़िया भावनात्मक अभिनय किया है तो पृथ्वीराज सुकुमारन पहले एक लाचार राजकुमार और फिर दोस्त का साथ पाकर बने शूरवीर के रूप में खूब प्रभावित करते हैं। जगपति बाबू जितनी देर भी परदे पर दिखते हैं, उनका रुआब काबिलेगौर होता है। श्रुति हसन का किरदार कहानी के इस पहले हिस्से में सिर्फ उत्प्रेरक का काम करता है। और, फिल्म ‘सलार पार्ट वन सीज फायर’ के महिला किरदारों की कमान संभाली है श्रिया रेड्डी ने। श्रिया रेड्डी ने सियासत की चौसर पर तमाम पुरुष किरदारों के बीच एक महिला किरदार को बहुत ही दमदार तरीके से स्थापित किया है।
●शानदार प्रोडक्शन डिजाइन और काला कलर पैलेट
फूजी कलर और ईस्टमैन कलर से होते हुए यहां तक पहुंचे सिनेमा में अब कलर पैलेट भी कहानी का रंग जमाने में मददगार होने लगा है। फिल्म ‘सलार पार्ट वन सीज फायर’ का कलर पैलेट काला है। और, वह इसलिए क्योंकि इसके सारे मुख्य किरदार स्याह हैं। वे काले और सफेद में बंटे हुए नहीं हैं। स्याह किरदारों को कहानियों का आधार बनाना इन दिनों सिनेमा को खूब रास आ रहा है। अब न ‘एनिमल’ के रणविजय सिंह को अपने परिवार के लिए खून खराबा करते समय जमाने की पड़ी है और न ही ‘सलार पार्ट वन सीज फायर’ के वेदा को अपने दोस्त के लिए कत्लेआम मचाते हुए। ये संवेदनाओं का सिनेमा है। इसमें गुडी गुडी सिनेमा तलाशने वाले धीरे धीरे हाशिये पर जा रहे हैं। टी एल वेंकटचलपति ने फिल्म की डिजाइनिंग बहुत ही भव्य तरीके से की है।
●दर्शनीय सिनेमैटोग्राफी, सांसें रोक देने वाला एक्शन
फिल्म ‘सलार पार्ट वन सीज फायर’ में भुवन गौड़ा की सिनेमैटोग्राफी यहां प्रशांत नील के तरकश का सबसे कामयाब तीर बनती है। अंबारिवू के सांसें रोक देने वाले एक्शन निर्देशन में एक अलग सोच नजर आती है। विदेशी लोकेशनों की हवाई फोटोग्राफी को सेट पर शूट किए गए दृश्यों में पिरोकर एक काल्पनिक दुनिया का हिस्सा बना देने में फिल्म का संपादन करने वाले उज्ज्वल कुलकर्णी का कौशल भी तारीफ के काबिल है। फिल्म की हिंदी डबिंग भी काफी प्रभावशाली है और ये बात फिल्म ‘सलार पार्ट वन सीज फायर’ को हिंदी पट्टी की भी लोकप्रिय फिल्म बनाने का पूरा दमखम रखती है। हां, अगर फिल्म में दिया रवि बसरूर का संगीत भी कर्णप्रिय होता तो फिल्म पूरे चार स्टार पाने लायक ‘एनिमल’ जैसी एडल्ट फिल्म जरूर बन जाती। बैकग्राउंड म्यूजिक फिल्म का जरूर जोरदार है।